संस्कृत
छात्र प्रतियोगिता निर्देशिका नियमावली
प्रतियोगिता का उद्देश्य-
1. संस्कृत का प्रचार-प्रसार, संवर्द्धन एवं संरक्षण करना।
2. छात्रों में संस्कृत भाषा के प्रति अनुराग उत्पन्न करना। 
3. छात्रों की अन्तर्निहित शक्तियों का
सर्वांगीण विकास करना।
✅ प्रतियोगिताओं
के आयोजन की तिथि एवं स्थान-
| प्रतियोगिता | दिनांक | स्थान | 
| जनपदस्तरीय | 12 सितम्बर 2022 से  16 सितम्बर 2022 तक | जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा चयनित सम्बन्धित जिला के
  विद्यालय में। | 
| मण्डल स्तरीय | 25 सितम्बर
  2022 से  30 सितम्बर 2022 तक | उपनिरीक्षक संस्कृत पाठशालायें द्वारा चयनित सम्बन्धित
  मण्डल के विद्यालय में। | 
| राज्य स्तरीय | 08 एवं 09 अक्टूबर,2022 | उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा लखनऊ में निर्धारित
  स्थान पर | 
➯ मुख्य बिन्दु-
1. संस्कृत गीत प्रतियोगिता   2. संस्कृत भाषण प्रतियोगिता  3. श्लोकान्त्याक्षरी प्रतियोगिता जनपद, मण्डल एवं  राज्यस्तर पर आयोजित होगी। शेष 10 अन्य प्रतियोगिताएँ केवल राज्य स्तर पर होगी। 
➯ जनपदस्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम व द्वितीय
स्थान प्राप्त करने वाले छात्र एवं छात्रायें ही मण्डल स्तरीय प्रतियोगिताओं में
प्रतिभाग कर सकेंगे। 
➯ मण्डलस्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान
प्राप्त छात्र/छात्रायें राज्य स्तरीय
प्रतियोगिता में प्रतिभाग
करने हेतु अर्ह होंगे।
➯ उत्तर प्रदेश में अध्ययनरत किसी भी विद्यालय, महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के छात्र /
छात्रायें प्रतियोगिताओं
में प्रतिभाग कर
सकते है।  
➯ जनपद स्तरीय प्रतियोगिताओं की पुरस्कार राशि का
विवरण
 
                   
               
      प्रथम   द्वितीय   तृतीय     
 
1. संस्कृत गीत प्रतियोगिता 
    1000 
  800     700     
2. संस्कृत भाषण प्रतियोगिता 
 1000   
800     700     
3. श्लोकान्त्याक्षरी प्रतियोगिता  1000   
800     700 
 ➯ मण्डल स्तरीय प्रतियोगिताओं की पुरस्कार राशि
का विवरण
 
                   
               
      प्रथम   द्वितीय   तृतीय     
   
1. संस्कृत गीत प्रतियोगिता 
    3000 
  2000    1000     
2. संस्कृत भाषण प्रतियोगिता 
 3000   
2000    1000     
3. श्लोकान्त्याक्षरी प्रतियोगिता 3000   
2000    1000
➯ राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं की पुरस्कार राशि
का विवरण
| प्रथम    | द्वितीय  |   तृतीय |   सान्त्वना  (कुल
  3) | 
| 11,000    | 7,000    | 5,000   | 3,000 | 
 ➯ राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के नाम तथा
प्रतियोगिता में सम्मिलित होने की अर्हता
| क्रम | प्रतियोगिता का नाम | प्रतियोगिता हेतु प्रतिभागियों
  की अर्हता | |
| 1 | संस्कृत गीत प्रतियोगिता | कक्षा 6 से 12 तक की छात्र/ छात्राएँ |   | 
| 2 | संस्कृत भाषण
  प्रतियोगिता | स्नातक तथा स्नातकोत्तर की छात्र/ छात्राएँ |   | 
| 3 | श्लोकान्त्याक्षरी
  प्रतियोगिता | कक्षा 6 से 12 तक की छात्र/ छात्राएँ |   | 
| 4 | अष्टाध्यायी कंठस्थपाठ
  प्रतियोगिता  | कक्षा 6 से 12 तक की छात्र/ छात्राएँ |   | 
| 5 | अमरकोश कंठस्थपाठ प्रतियोगिता (प्रथम काण्ड) | कक्षा 6 से 12 तक की छात्र/ छात्राएँ |   | 
| 6 | लघुसिद्धान्तकौमुदी कंठस्थपाठ प्रतियोगिता  | कक्षा 6 से 12 तक की छात्र/ छात्राएँ |   | 
| 7 | तर्कसंग्रह कंठस्थपाठ प्रतियोगिता    | कक्षा 6 से 12 तक की छात्र/ छात्राएँ |   | 
| 8 | गद्य वाचन प्रतियोगिता | कक्षा 6 से 12 तक की छात्र/ छात्राएँ |   | 
| 9 | कथाकथन प्रतियोगिता | कक्षा 6 से 12 तक की छात्र/ छात्राएँ |   | 
| 10 | मूलरामायण प्रश्नोत्तरी
  प्रतियोगिता | कक्षा 11 से स्नातकोत्तर तक की छात्र/ छात्राएँ |   | 
| 11 | श्रुतलेख प्रतियोगिता | कक्षा स्नातक की छात्र छात्र/ छात्राएँ |   | 
| 12 | संस्कृत नाटक
  प्रतियोगिता | कक्षा 6 से स्नातकोत्तर तक के छात्र/ छात्राओं का दल |   | 
| 13 | शास्त्रार्थ प्रतियोगिता  (व्याकरण) | स्नातक, स्नातकोत्तर तथा शोध की छात्र/ छात्राएँ |   | 
 ✅ समस्त प्रतियोगिताओं हेतु सामान्य नियम:-
1. जनपद तथा मण्डल स्तर पर संस्कृत गीत प्रतियोगिता, संस्कृत भाषण प्रतियोगिता तथा श्लोकान्त्याक्षरी प्रतियोगिता  आयोजित की जायेंगी। 
2. जनपद तथा मण्डल स्तर की प्रतियोगिताओं के अतिरिक्त राज्यस्तर पर 10 अन्य प्रतियोगितायें आयोजित की जायेंगी। 10 अन्य राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं की पात्रता
हेतु मण्डल स्तर पर ऑनलाईन प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेगी।
3. इन प्रतियोगिताओं में उ0प्र0 के सभी शासकीय/अशासकीय/प्राइवेट जूनियर
हाईस्कूल, हाईस्कूल, इण्टर कॉलेज, पब्लिक स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, विद्यामन्दिर, गुरुकुल, संगीत विद्यालय, संस्कृत विद्यालय, महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के
छात्र/छात्रायें प्रतिभाग करेंगे।
4. उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों के विद्यालय, छात्र आवेदन पत्र एवं प्रतियोगिता नियमावली जिला
विद्यालय निरीक्षक कार्यालय/ जनपद संयोजक से प्राप्त कर सकते हैं अथवा संस्थान की
वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
5. जनपदस्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के
इच्छुक छात्र आवेदन पत्र में अपना नाम, कक्षा का नाम, विद्यालय का नाम, जनपद नाम, दूरभाष, फोटो आदि विवरण पूरित करने के बाद उसे संस्था प्रमुख से प्रमाणित करा लें। इस आवेदन
पत्र को प्रतियोगिता
के 2 दिन
पूर्व जनपद स्तर पर
प्रतियोगिता आयोजित कराने वाली आयोजक संस्था के पास जमा करेंगे। प्रत्येक
प्रतियोगिता के लिये अलग-अलग आवेदन पत्र पूरित करना होगा। विशेष परिस्थितियों में
आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप में हाथ से भी लिखकर पूरित कर सकते हैं। विद्यालय
अपने छात्रों के आवेदन को संकलित कर प्रतियोगिता के 2 दिन पूर्व आयोजक संस्था/ जनपद संयोजक के पास जमा करेंगे।
6. जनपदस्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम व द्वितीय
स्थान प्राप्त करने वाले छात्र एवं छात्रायें ही मण्डलस्तरीय प्रतियोगिता में
प्रतिभाग कर सकेंगे। 
7. जनपद स्तरीय, मण्डलस्तरीय एवं राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में
प्रथम, द्वितीय एवं
तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार की राशि उनके अथवा उनके
माता पिता के बैंक खाते में अंतरित की जायेगी। प्रतियोगिता का प्रमाण-पत्र संयोजक के माध्यम से उपलब्ध कराया
जाएगा।
8. जनपद स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए
सभी संस्थाऐं छात्र/छात्राओं के यात्रा व्यय, आवास एवं भोजन आदि की व्यवस्था अपने स्तर से
करेंगे।
9. जनपद स्तरीय, मण्डल स्तरीय एवं राज्य स्तरीय सभी
प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी छात्र/छात्राओं की सुरक्षा, अनुशासन, आवागमन व उनकी वस्तुओं की सुरक्षा का दायित्व
सम्बद्ध संस्थाओं का होगा।
10. मंडल स्तरीय तथा राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले
प्रतिभागियों तथा उनके साथ
आने वाले एक अध्यापक/ अभिभावक को संस्थान के नियमानुसार यात्रा व्यय प्रदान किया जाएगा । यात्रा व्यय पाने के लिए टिकट की मूल प्रति देना अनिवार्य होगा। 
11. राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले
प्रतिभागियों तथा उनके साथ
आने वाले अध्यापक/ अभिभावक के भोजन व आवास की व्यवस्था की जाएगी। इसके अतिरिक्त अन्य
धनराशि देय नहीं होगी।
12. जिला स्तर पर चयनित प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी ही
मण्डल की प्रतियोगिताओं में तथा मण्डल स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले
प्रतिभागी ही राज्यस्तर पर प्रतिभाग करेंगे।
13. एक प्रतिभागी अधिकतम 02 प्रतियोगिताओं में ही प्रतिभाग कर सकता है। संस्कृत नाटक प्रतियोगिता को छोड़कर अन्य किसी एक प्रतियोगिता में एक विद्यालय/
महाविद्यालय के अधिकतम 3 छात्र/ छात्राओं को ही प्रवेश दिया जाएगा।
14. जो प्रतिभागी राज्य स्तर के जिस
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका हो, वह पुनः उस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने हेतु
अनर्ह होगा।
15. संस्कृत गीत प्रतियोगिता में प्रतिभागी द्वारा
सी.डी./ऑडियो कैसेट एवं इलैक्ट्रानिक वाद्ययंत्रों का प्रयोग वर्जित है। प्रतिभागी
लिखित सामग्री देखकर गायन नहीं करेंगे।
16. सभी प्रतियोगितायें पूर्णरूप से संस्कृत भाषा
में ही होंगी। 
17. प्रतियोगिता के विषय भारतीय संस्कृति, साहित्य एवं राष्ट्रीय एकता को पुष्ट करने वाले
होने चाहिये तथा प्रतियोगिताओं में किसी भी प्रकार का राष्ट्रविरोध, व्यक्तिविशेष विरोध या राजनैतिक आक्षेप प्रदर्शित
करना सर्वथा निषिद्ध है।
18. प्रतियोगिताओं में एकल प्रस्तुति होगी।
नाटक प्रतियोगिता को छोड़कर अन्य प्रतियोगिताओं में सामूहिक प्रस्तुति की अनुमति
नहीं दी जाएगी। 
19. जनपद स्तर की प्रतियोगिताओं का निर्णय 2
निर्णायकों तथा मण्डल एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं 03 निर्णायकों के द्वारा प्रदत्त अंको के योग के
आधार पर किया जायेगा। निर्णायकों का निर्णय सर्वमान्य एवं अन्तिम होगा।
20. राज्य संयोजक, मण्डल संयोजक एवं निर्णायक अपने स्तर पर किसी
भी प्रकार के नियमों का निर्धारण नहीं करेंगे।
21. सभी प्रतियोगिताएं जनपद संयोजक, मण्डल संयोजक, राज्य संयोजक तथा सम्बद्ध अधिकारियों के
निर्देशन में सम्पन्न होंगी तथा उनके निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। किसी
भी अनुशासन हीनता की स्थिति में प्रतिभागी को प्रतियोगिता के लिए अनर्ह माना
जाएगा।
22. किसी प्रतियोगिता के लिए निर्धारित पुरस्कारों की
संख्या से उस प्रतियोगिता में तीन गुना अधिक प्रतिभागी के प्रतिभाग करने पर ही
उक्त संख्या में पुरस्कार दिये जायेंगे। प्रतिभागियों के अनुपात के आधार पर
पुरस्कारों की संख्या तय होगी। 
23. विशेष परिस्थितियों में नियम परिवर्तन का
अधिकार अध्यक्ष/निदेशक, उ0प्र0 संस्कृत संस्थान, लखनऊ के पास सुरक्षित होगा।
 ✅ प्रतियोगिता
आधारित नियम
 1. एकल संस्कृत गीत प्रतियोगिता
 (क) संस्कृत एकल प्रतियोगिता के मूल्यांकन में
(संगीत) स्वर एवं ताल (40 अंक), उच्चारण (20 अंक), गीत की विषय वस्तु (20 अंक),  प्रस्तुति (20 अंक) कुल 100 अंक होंगे।
(ख) एकल गीत की अवधि अधिकतम 05 मिनट की होगी।
(ग) गीत को कंठस्थ कर गायन करना होगा।
(घ) गीतों का चयन प्रतिभागी संस्थान द्वारा
संलग्नक पत्र में दिये गये गीत में से भी कर सकते हैं। यदि प्रतिभागी स्वयं गीत का
चयन करते हैं तो विद्यालय नाम सहित चयनित गीत की 03 टंकित प्रति प्रस्तुति से पूर्व उपलब्ध कराया
जाना अनिवार्य होगा।
(ङ) जनपद स्तर की संस्कृत गीत प्रतियोगिता में
स्तोत्र गायन स्वीकार किया
जाएगा, जबकि मण्डल
स्तर की प्रतियोगिता में स्तोत्र गायन वर्जित होगा। मंडल तथा राज्य स्तर की प्रतियोगिता
में प्रतिभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिभागी जनपद स्तर पर संस्कृत गीत की
प्रस्तुति दें।
संस्कृत गीत के लिए सहायक ग्रन्थों की सूची:-
1. अलकनन्दा – सच्चिदानन्द काण्डपाल,                
2. समुज्ज्वला – इच्छाराम द्विवेदी
3.  लोकगीतांजलि – बाबूराम अवस्थी                     
4. संस्कृत गीत मालिका - मनोरमा
5. गीतकन्दलिका - हरिदत्त शर्मा                            
6. वाग्वधूटी - अभिराजराजेन्द्र मिश्र
7. संस्कृत गान माला - पं0 वासुदेव द्विवेदी शास्त्री      
8. इन्द्रधनुः - ओम प्रकाश ठाकुर
9. कालिन्दी – केशव प्रसाद गुप्त
 2.  संस्कृत भाषण प्रतियोगिता 
(क) संस्कृत भाषण प्रतियोगिता के मूल्यांकन में
विषयवस्तु (50 अंक), भाषा शुद्धता (30 अंक) एवं प्रस्तुति (20 अंक) कुल 100 अंक होंगे।
(ख) संस्कृत भाषण की अवधि 03 मिनट होगी।
(ग) संस्कृत भाषण का विषय प्रतिवर्ष निर्धारित होगा।
संस्कृत भाषण प्रतियोगिता का विषय तथा आयोजन की विधि:- 
(क) जनपद स्तर का विषय - स्वतंत्रतान्दोलने
संस्कृतज्ञानां अवदानम्। 
(ख) मंडल स्तर का दो विषय-
 स्वतंत्रतान्दोलने संस्कृतज्ञानां अवदानम् तथा वाल्मीकिरामायणे तीर्थस्थलानि।  
(ग) राज्य स्तर पर तीन विषय- स्वतंत्रतान्दोलने
संस्कृतज्ञानां अवदानम्, वाल्मीकिरामायणे तीर्थस्थलानि तथा संस्कृत- पत्र- पत्रिकाणां
परिचयः ।
मंडल
तथा राज्य स्तर पर प्रतियोगिता
आयोजक निर्धारित विषयों की पर्चियाँ बनाकर तथा उन्हें मोड़कर एक पात्र में रखेंगे ।
उनमें से एक पर्ची प्रतिभागी उठाएगा और निर्णायक को दिखाने के बाद उसी विषय पर
अपना संस्कृत में भाषण देना आरम्भ करेगा। प्रतिभागियों की संख्या के अनुपात में
पर्चियाँ वनायें तथा विषयों की बराबर -बराबर संख्या में पर्चियां बनायी जाएगी।
3. श्लोकान्त्याक्षरी
प्रतियोगिता 
1. मंडल स्तर तथा
राज्य स्तर की श्लोकान्त्याक्षरी
प्रतियोगिता निर्धारित ग्रन्थों से होगी। जनपद स्तर पर छात्र अनुष्टुप् छन्द के
साथ निर्धारित ग्रन्थों से पृथक् श्लोक भी बोल सकेंगें। मंडल तथा राज्य स्तर की
प्रतियोगिता अनुष्टुप्छन्द के श्लोकों को छोड़कर अन्य छन्दों के श्लोंकों पर आयोजित
की जाएगी। विशेष परिस्थिति में प्रतियोगिता के शीघ्र निर्णय हेतु निर्णायक
अनुष्टुप्छन्द के आधार पर प्रतियोगिता का संचालन कर सकेंगे। इस प्रतियोगिता में
साहित्य, व्याकरण तथा
ज्योतिष विषयों के विशेषज्ञों को निर्णायक के रूप में रखा जाय। श्लोकान्त्याक्षरी प्रतियोगिता में निर्णायकों
द्वारा प्रतियोगिता को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु नियमों में बदलाव किया जा सकता है।
इन्हीं नियमों का पालन सभी स्तर पर किया जायेगा।
(क) श्लोकान्त्याक्षरी प्रतियोगिता में समस्त
प्रतिभागी छात्र गोलाकार में बैठेंगे। प्रथम श्लोक का उच्चारण किसी एक निर्णायक
द्वारा किया जायेगा। यदि किसी श्लोक का अन्तिम व्यंजन वर्ण म् होता है तो
प्रतिभागी उसके पूर्ववर्ती व्यंजन वर्ण से श्लोक बोलेंगे। शेष अन्तिम व्यंजन के
आधार पर प्रतियोगिता संचालित होगी। गोलाकार में बैठे एक प्रतिभागी के बाद दूसरे
प्रतिभागी, दूसरे
प्रतिभागी के बाद तीसरे प्रतिभागी के क्रम से यह प्रतियोगिता अनवरत चलेगी।
(ख) यदि किसी श्लोक के अन्त में ङ, ञ, ण, ट, ठ, ड, ढ, थ वर्ण आते हैं तो उसके पूर्ववर्ती हलन्त वर्ण
से आगामी प्रतिभागी श्लोकोच्चारण करेगा।
(ग) विशेष परिस्थिति में निर्णायक श्लोक के
अन्तिम स्वर वर्ण से प्रतियोगिता का संचालन कराने का निर्णय ले सकता हैं।
(ङ) एक प्रतिभागी के श्लोकोच्चारण करने तथा
श्लोक के अन्तिम अक्षर से आगामी प्रतिभागी के श्लोकोच्चारण आरम्भ किये जाने के
मध्य अधिकतम एक मिनट का समय दिया जायेगा। एक मिनट के अन्दर किसी प्रतिभागी द्वारा
श्लोकाच्चारण आरम्भ नहीं करने की स्थिति में उसका एक अवसर समाप्त माना जायेगा।
निर्णायक समय सीमा को और भी कम कर सकेंगे।
(च) श्लोकान्त्याक्षरी में आवश्यक होने पर
प्रतिभागी को श्लोक का स्रोत बताना होगा। अन्यथा उसका द्वारा उच्चारित श्लोक को
निर्णायक अमान्य घोषित करेंगे।
(छ) श्लोकों के अशुद्ध उच्चारण करने की स्थिति
में निर्णायक वैकल्पिक श्लोक बोलने हेतु अवसर दे सकेंगे। किसी प्रतिभागी द्वारा
निरन्तर अशुद्ध उच्चारण करने पर उसके अवसरों में कटौती की जा सकेगी। 
(ज) प्रत्येक प्रतिभागी को तीन अवसर प्रदान किये
जायेंगे। प्रतियोगिता के अन्तिम चरण में निर्णायकों द्वारा पृथक्-पृथक् छन्दों, श्लोक के अन्तिम स्वर सहित व्यंजन वर्ण के आधार
पर, श्लोक के किसी
पाद के अन्तिम अक्षर से प्रतियोगिता के संचालन का निर्देश दे सकते हैं। अतः
प्रतिभागी प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए पूर्णतः तैयार होकर आयें।
(झ) प्रतियोगिता के अन्त में अवशिष्ट 03 प्रतिभागियों में से किसी 01 के बाहर होने पर उसे तृतीय स्थान तथा 02 में से एक के बाहर होने पर उसे द्वितीय स्थान
अन्त में अवशिष्ट प्रतिभागी को प्रथम स्थान दिया जायेगा।
श्लोक के अन्त में संयुक्त वर्ण आने पर संयुक्ताक्षर के
अन्तिम अक्षर से आगामी प्रतिभागी श्लोक बोलेंगे। यथा - विद्या में य अक्षर से।
(ञ) श्लोकान्त्याक्षरी प्रतियोगिता में एक श्लोक
को एक ही बार उच्चारण किया जायेगा।
मंडल तथा राज्य स्तर पर श्लोकान्त्याक्षरी प्रतियोगिता के
लिए निर्धारित ग्रन्थ एवं ग्रन्थकारों के नाम
    ग्रन्थों के नाम                  ग्रन्थकारों के नाम
1.रघुवंशमहाकाव्यम्
      -           कालिदास
2. कुमारसंभवम्             -           कालिदास
3. मेघदूतम्                    -           कालिदास
4. श्रीमद्भगवद्गीता         -           महर्षि
व्यास
5. वाल्मीकीयरामायणम् -           महर्षि वाल्मीकि
6. नीतिसंग्रहमित्रलाभ     -           नारायण पण्डित/
विष्णु शर्मा 
7. नैषधीयचरितम्          -
          श्रीहर्ष  
8. प्रतापविजयः              -           ईशदत्त       
09. शिशुपालवधम्         -           माघ
10. चन्द्रालोक               -         जयदेव
11. किरातार्जुनीयम्        -           भारवि
12.मुहूर्तचिन्तामणि        -           रामदैवज्ञ
13.नीतिशतकम्             -           भर्तृहरि
14. लीलावती                -           भास्कराचार्य 
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता
4. अष्टाध्यायी कंठस्थपाठ प्रतियोगिता 
(क) अष्टाध्यायी कंठस्ठपाठ प्रतियोगिता के
मूल्यांकन में कंठस्थ पाठ  (70 अंक), उच्चारण एवं गति (20 अंक), सामान्य
जानकारी (10 अंक) कुल 100 अंक होंगे।
(ख) प्रतियोगिता की अवधि निर्णायक के
निर्देशानुसार तय की जाएगी ।
निर्णय प्रक्रिया-
प्रथम क्रम - क्रमशः सभी निर्णायकों द्वारा
किसी सूत्र को उच्चारित कर प्रतिभागी से आगे सुनाने को कहा जायेगा।
द्वितीय क्रम - प्रतिभागी पुस्तक में शलाका प्रवेश
करेगा, उस स्थल के
आगे-पीछे से निर्णायकों द्वारा संकेत करने पर सुनाना होगा।
तृतीय क्रम- निर्णायकों द्वारा सम्बन्धित
ग्रन्थ से सामान्यज्ञान परक कुल 5 प्रश्न पूछे जायेंगे। 
5. अमरकोश कंठस्थपाठ प्रतियोगिता  
(क) अमरकोश कंठस्ठपाठ प्रतियोगिता के मूल्यांकन में कंठस्थ पाठ  (70 अंक), उच्चारण एवं गति (20 अंक), सामान्य
जानकारी (10 अंक) कुल 100 अंक होंगे।
(ख) प्रतियोगिता की अवधि निर्णायक के
निर्देशानुसार तय की जाएगी ।
निर्णय प्रक्रिया-
प्रथम क्रम - क्रमशः सभी निर्णायकों द्वारा
किसी श्लोक को उच्चारित कर प्रतिभागी से आगे सुनाने को कहा जायेगा। 
द्वितीय क्रम - प्रतिभागी पुस्तक में शलाका
प्रवेश करेगा, उस स्थल के
आगे-पीछे से निर्णायकों द्वारा संकेत करने पर सुनाना होगा।
तृतीय क्रम- निर्णायकों द्वारा सम्बन्धित
ग्रन्थ से सामान्यज्ञान परक कुल 5 प्रश्न पूछे जायेंगे। 
इस प्रतियोगिता हेतु अमरकोष का प्रथम काण्ड निर्धारित है। एक से अधिक प्रतिभागी द्वारा  सम्पूर्ण अमरकोष का प्रथम काण्ड सुना देने की स्थिति में उनके मध्य द्वितीय तथा
तृतीय काण्ड की प्रतियोगिता
कराकर प्रथम, द्वितीय आदि
पुरस्कार का निर्णय किया जाएगा।  
6. लघुसिद्धान्तकौमुदी कंठस्थपाठ प्रतियोगिता 
(क) लघुसिद्धान्तकौमुदी कंठस्ठपाठ प्रतियोगिता के
मूल्यांकन में कंठस्थ पाठ  (70 अंक), उच्चारण एवं गति (30 अंक), सामान्य
जानकारी (10 अंक) कुल 100 अंक होंगे।
(ख) प्रतियोगिता की अवधि निर्णायक के
निर्देशानुसार तय की जाएगी ।
निर्णय प्रक्रिया-
प्रथम क्रम - क्रमशः सभी निर्णायकों द्वारा
किसी सूत्र, वृत्ति या उदाहरण को उच्चारित
कर प्रतिभागी से आगे सुनाने को कहा जायेगा।
द्वितीय क्रम - प्रतिभागी पुस्तक में शलाका
प्रवेश करेगा, उस स्थल के
आगे-पीछे से निर्णायकों द्वारा संकेत करने पर सुनाना होगा।
तृतीय क्रम- निर्णायकों द्वारा सम्बन्धित
ग्रन्थ से सामान्यज्ञान परक कुल 5 प्रश्न पूछे जायेंगे। 
कक्षा 6 से 8 (प्रथमा) के छात्र / छात्राओं को अजन्तनपुंसकलिंग प्रकरण तक, कक्षा 9 तथा 10 (पूर्वमध्यमा) के छात्र / छात्राओं को तिङन्तप्रकरण तक तथा कक्षा 11 तथा 12 (उत्तरमध्यमा) के छात्र / छात्राओं को सम्पूर्ण ग्रन्थ कंठस्थ होना चाहिए।
7. तर्कसंग्रह कंठस्थपाठ प्रतियोगिता 
(क) तर्कसंग्रह कंठस्ठपाठ प्रतियोगिता के मूल्यांकन में कंठस्थ पाठ  (70 अंक), उच्चारण एवं गति (20 अंक), सामान्य
जानकारी (10 अंक) कुल 100 अंक होंगे।
(ख) प्रतियोगिता की अवधि निर्णायक के
निर्देशानुसार तय की जाएगी ।
निर्णय प्रक्रिया-
प्रथम क्रम - क्रमशः सभी निर्णायकों द्वारा
पुस्तक के किसी अंश को उच्चारित कर प्रतिभागी से आगे सुनाने को कहा जायेगा।
द्वितीय क्रम - प्रतिभागी पुस्तक में शलाका प्रवेश
करेगा, उस स्थल के
आगे-पीछे से निर्णायकों द्वारा संकेत करने पर सुनाना होगा।
तृतीय क्रम- निर्णायकों द्वारा सम्बन्धित
ग्रन्थ से सामान्यज्ञान परक कुल 5 प्रश्न पूछे जायेंगे। 
एक से अधिक प्रतिभागी द्वारा  सम्पूर्ण तर्कसंग्रह सुना देने की स्थिति में
उनके मध्य पदकृत्य सहित तर्कसंग्रह प्रतियोगिता कराकर प्रथम, द्वितीय आदि पुरस्कार का निर्णय किया जाएगा। 
    
 8. संस्कृत  गद्य वाचन प्रतियोगिता
 (क) संस्कृत
गद्य वाचन प्रतियोगिता के मूल्यांकन
में वाचन शैली (40), शुद्धोच्चारण
(30), भावानुकूलता (15), प्रभावोत्पादकता
(15) कुल 100 अंक होंगे।
(ख) प्रतियोगिता की अवधि 05 मिनट की
होगी ।
निर्णय प्रक्रिया-
(क) प्रतिभागी को गद्य में लिखित संस्कृत की
कोई भी ऐसी पुस्तक / पत्रिका अथवा मुद्रित पृष्ठ वाचन हेतु दिया जाएगा, जिसमें 5 मिनट तक की वाचन सामग्री होगी।
(ख) प्रतिभागी
द्वारा वाचन शैली (शब्दों की गति, यति, भावों के अनुकूल ध्वनियों के उचित आरोह- अवरोह, विराम,
प्रवाह, बलाघात) शब्दों के शुद्धोच्चारण,
भावानुकूलता (अर्थ की प्रतीति, रसात्मकता,
आत्मविश्वास), प्रभावोत्पादकता (वाचन मुद्रा)
के आधार पर निर्णायक अंक प्रदान करेंगें।
9. कथाकथन प्रतियोगिता
  (क)
कथाकथन प्रतियोगिता के मूल्यांकन
में अभिव्यक्ति (50), भाषा
शुद्धता (20), कथानक (15), कथानक की
भाषा  (15) कुल 100 अंक होंगे।
(ख) प्रतियोगिता की अधिकतम अवधि 05 मिनट की
होगी ।
(ग) प्रतिभागी को प्रतियोगिता के पूर्व कथानक की लिखित तीन मुद्रित  प्रति जमा करना
होगा।
(घ) कथाकथन स्मृति आधारित प्रतियोगिता होगी । प्रतिभागी लिखित सामग्री
देखकर कहानी नहीं कहेंगे।
निर्णय प्रक्रिया-
(क) प्रतिभागी स्वेच्छा से संस्कृत भाषा में
कोई काल्पनिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, ऐतिहासिक, चरित्र
प्रधान कथा कह सकते है।
(ख) प्रतिभागी द्वारा कथानक के शब्दों का शुद्धोच्चारण,
गति, यति, भावों के
अनुकूल ध्वनियों में उचित आरोह- अवरोह, विराम, प्रवाह, कथानक के पात्रों की मनः स्थिति का
शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्ति, रसात्मकता,
कथा का वाक्यांश, आत्मविश्वास,  मुद्रा के आधार पर निर्णायक अंक प्रदान करेंगे।
10. मूलरामायण
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता  
       
(क) मूलरामायण प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रत्येक प्रतिभागी क्रमबद्ध बैठेंगे। 
(ख) प्रत्येक प्रतिभागी को 5 अवसर वाला 5 कार्ड दिया जाएगा।
(ग) प्रत्येक प्रतिभागी से क्रमशः मूलरामायणम्
के पदों से सम्बन्धित सन्धि, समास, प्रत्यय (सुप्,तिङ्, कृत् तथा तद्धित),
कारक, धातु तथा धात्वर्थ पूछे जायेंगें। 
(घ) किसी प्रतिभागी द्वारा गलत उत्तर देने अथवा
पूछे गये प्रश्न का उत्तर नहीं देने पर अवसर वाला 1 कार्ड वापस ले लिया जाएगा। 
(ङ) अंत के 3 प्रतिभागियों को समान अवसर वाला कार्ड शेष रहने
की स्थिति में श्लोक स्मरण तथा श्लोकार्थ के द्वारा प्रतियोगिता का निर्णय किया
जाएगा।               
11. श्रुतलेख
प्रतियोगिता          
               
   
इस प्रतियोगिता का पूर्णांक 100 होगा। इसमें प्रतिभागी को गद्यांश या श्लोक
सुनकर लिखना होगा। प्रतिभागियों के श्रुतलेख में प्रति वर्ण त्रुटि के लिए 1 अंक काटकर प्रतियोगिता का निर्णय किया जाएगा।
12. संस्कृत
नाटक प्रतियोगिता              
      
(क) संस्कृत नाटक प्रतियोगिता के मूल्यांकन में   अभिनय उच्चारण एवं सम्भाषण,  भावप्रवणता (25 अंक), मंच
शिल्प वेषभूषा, मंच सज्जा (25 अंक), कथ्य-कथानक (25
अंक), निर्देशन (25 अंक) कुल मिलाकर 100 अंक होंगे।
(ख) प्रतियोगिता की अधिकतम अवधि 30 मिनट की
होगी ।
(ग) यह सामूहिक प्रतियोगिता होगी। इसकी
प्रस्तुति नाट्य दल के द्वारा की जाएगी।
नाटक प्रतियोगिता के लिए एक आवेदन पत्र पर सभी
प्रतिभागियों का नाम लिखा जाये।
निर्णय प्रक्रिया-
(क) प्रतिभागी दल स्वेच्छा से संस्कृत भाषा में
कोई काल्पनिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, ऐतिहासिक, चरित्र
प्रधान नाटक की प्रस्तुति दे सकता है।
(ख) नाट्य दल को प्रतियोगिता के 2
दिन पूर्व नाटक के आलेख की एक मुद्रित
प्रति संस्थान को उपलब्ध करना होगा।
(ग) प्रत्येक अक्षर के
उच्चारण की शुद्धता, सम्वाद  के
भाव, विचार, मन्तव्य और पात्र की
मनोदशा के अनुरूप विशिष्ट शब्दों पर बल देना तथा उसी के अनुरूप ध्वन्यात्मक
आरोह-अवरोह, अभिनेता का आत्मविश्वास, बोले जा रहे सम्वाद और क्रिया में उसकी तल्लीनता, दृश्यानुकूल मंच सज्जा, पात्रानुकूल वेशभूषा,
नाटक का कथ्य, कहानी/आलेख, मंच पर पात्रों के अभिनय का संयोजन यथा- मंच पर पात्रों का प्रवेश,
प्रस्थान, मंच पर उनकी गति-स्थिति का निर्धारण के आधार पर निर्णायक अंक प्रदान करेंगे।
13. शास्त्रार्थ
प्रतियोगिता  (व्याकरण)  
             
         
विषय - अनल्विधित्वविचारः ।







 
 
