भाद्र पद शुक्ल पूर्णिमा से लेकर
आश्विन कृष्ण अमावस्या तक का समय श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष कहलाता हैं। इस
श्राद्ध पक्ष में अपने पितरों की आत्मा के लिए श्राद्ध कर्म किये जाते हैं। आज इस
लेख में हम श्राद्ध और पितरों से जुडी कुछ विशेष बातों के बारे में जानेंगे।
श्राद्ध प्रथा वैदिक काल के बाद
शुरू हुई और इसके मूल में इसी श्लोक की भावना है। उचित समय...
सनातन धर्म में पूर्णिमा का व्रत
सनातन धर्म
में पूर्णिमा का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष १२ पूर्णिमाएं होती
हैं,
जब अधिकमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर १३ हो जाती है। कार्तिक
पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस पुर्णिमा को
त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि इसी दिन भगवान शिवजी ने
त्रिपुरासुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी...
Where and when does the kumbha take place?
सूर्य-चन्द्र-गुरु
जब एक राशि में आते हैं तो महा-कुम्भ योग होता है। स्वामी करपात्री जी द्वारा
कुम्भपर्व निर्णय ग्रन्थ के पृष्ठ-२२ पर
देवों के १२ दिनों अर्थात् मनुष्य के १२ वर्षों में १२ कुम्भ पर्व भारत के १२
स्थानों में होते हैं-
देवश्चागत्य
मज्जन्ति तत्र मासं वसन्ति च। तस्मिन् स्नानेन दानेन पुण्यमक्षय्यमाप्नुयात्॥
सिंहे युतौ
च रेवायां मिथुने...
योग दर्शन
योग दर्शन
में चित्र से मन बुद्धि और अहंकार को लिया गया है चित्र त्रिकोणात्मक होने के कारण
परिणामी है सत्व रज और तम इन तीनों गुणों की उद्रेक के अनुसार चित्त की निम्नलिखित
तीन अवस्थाएं होती है प्रज्ञा शील प्रगतिशील स्थिति शील प्रथम अवस्था का चित्र
सत्व प्रधान होता हुआ रज और तम से संयुक्त हो करणी माता दी ऐश्वर्य का प्रेमी होता
है ज्योति अवस्था में...
काव्यशास्त्र और काव्यशास्त्रकार
एक प्राचीन
शास्त्र है जिसे काव्यालंकार अलंकार शास्त्र साहित्यशास्त्र और क्रिया कल्प के नाम
से अभिहित किया जाता है वैदिक ऋचा में काव्य शास्त्र के उत्साह दिखाई पड़ते हैं
काव्यशास्त्र का क्रमबद्ध सुसंगठित और सर्वांगपूर्ण समारंभ भरत मुनि के नाट्य
शास्त्र से होता है भरतमुनि ने समस्त काव्य घटकों को अपने शास्त्र में स्थान दिया
और उसकी विवेचना में नारी...
अभिनवगुप्त
भारत में
जब-जब कश्मीर की चर्चा की जाएगी परम माहेश्वर सेव आचार्य अभिनवगुप्त याद आते
रहेंगे अभिनव गुप्त की साहित्यिक एवं दार्शनिक विचारों से संबंधित ग्रंथ बहुतायत
में प्राप्त होते हैं कश्मीरी ब्राह्मण होते हुए भी उनके पूर्वजों का संबंध उत्तर
प्रदेश के प्रसिद्ध नगर कन्नौज से रहा है वहीं से इनके पूर्वज अतिरिक्त को
तत्कालीन कश्मीर नरेश ने ललितादित्य...
हिंदू काल गणना
हिंदू काल
गणना में कई वर्ष होते हैं जिनमें से मुख्य रूप से दो प्रकार के वर्ष हैं सौर वर्ष
और चंद्र वर्ष सौर वर्ष में 365 दिन होते
हैं और चांद्र वर्ष में 355 दिन होते हैं सौरवर्ष प्रायः 14 अप्रैल को शुरू होता है भारतीय पर्व त्योहार तथा व्रत चंद्र वर्ष की गणना
के अनुसार से संपन्न होते हैं सर संक्रांति या 12 होती हैं
जिसमें 2 संक्रांति मुख्य हैं मेष...
भारतीय मास के क्रम से पर्व तथा त्यौहार
हिंदू पर्व
तथा व्रत में अंतर होता है पर्व या त्यौहार जहां हर्ष उल्लास और वैभव के साथ मनाया
जाता है वही व्रत में संगम पूर्वक उपवास रखते हुए संकल्प पूर्वक कार्य पूर्ण किए
जाते हैं व्रत नैमित्तिक कार्य होते हैं इसे सुनिश्चित अवधि के लिए पालन किया जाता
है तत्पश्चात इस व्रत का समापन किया जाता है व्रत नितांत व्यक्तिगत होता है जबकि
करवा चौथ की एक ऐसा व्रत...
Astronomy in Valmiki Ramayana
खगोलविज्ञानं
वेदस्य नेत्रमुक्तम् महर्षिणा। सृष्टेः व्यवहारस्य निर्धारणं कालेनैव भवति। कालस्य ज्ञानं च ग्रहगति द्वारा निश्चीयते। अत:
प्राचीनकालतः अद्यपर्यन्तं खगोलविज्ञानं
वेदांगस्यावयवत्वेन परिगण्यते। यजुर्वेदेपि आयं गोः पृश्निर क्रमीदसवन्मातारं पुर:
। इति मन्त्रे स्पष्टतया सूर्यं परितः पृथ्वियाः
भ्रमणं सिद्धयति। खगोलविज्ञाने...
Useful links for learn Sanskrit
SANSKRIT SITES
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...
English words made from Sanskrit
संस्कृत
भाषा को सभी भाषाओं की जननी कही जाती है। आपके लिए यहाँ संस्कृत के शब्द दिये जा
रहे हैं। आप देख सकते हैं कि किस प्रकार संस्कृत का शब्द परिवर्तित होकर अंग्रेजी
में प्रयुक्त हो रहे हैं। महाभाष्यकार पतंजलि ने असंख्य शब्दों के प्रयोग विषय के
बारे में लिखा है कि संस्कृत के कुछ शब्द दूसरे देशों में प्रयुक्त किये जाते हैं।
देशान्तरे वा। उन्हीं के...